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छठ से ठीक पहले बदल रही है सूर्य की स्थ‍िति, जानें क्या होगी हलचल

सूर्य की कृपा पाने की चाह भला किसके मन में नहीं होगी, जिसकी गति से जिंदगी में नया सवेरा होता है. शक्ति के उस पुंज की कृपा भला कौन नहीं चाहेगा. सूर्य की अराधना का महापर्व छठ 24 अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है.

कहते हैं जिसे सूर्य का आशीर्वाद मिल जाए, उसके जीवन का अंधकार मिट जाता है. सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. रोगों का नाश हो जाता है.

शत्रुओं का भय मिट जाता है और मान-सम्मान बढ़ता है. छठ महापर्व से ठीक पहले ही सूर्य ने अपना स्थान परिवर्तन कर तुला में प्रवेश कर लिया है. इस राशि में सूर्य की स्थिति सबसे कमजोर होती है.

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कुबेर

कैसे करें कुबेर की पूजा

कुबेर

कुबेर हिन्दू धर्म के एक देवता हैं। इन्हें देवताओं का कोषाध्यक्ष माना जाता है। वाराह पुराण के अनुसार पहले जन्म में कुबेर दे गुणनिधि नाम के एक वेदज्ञ ब्राह्मण थे। माना जाता है कि लक्ष्मी जी की पूजा के साथ दिवाली पर कुबेर भगवान की भी पूजा अवश्य करनी चाहिए। माना जाता है कि कुबेर देव धरती में दबे हुए खजाने की रक्षा करते हैं।  

कुबेर पूजा मंत्र
इस मंत्र द्वारा कुबेर देव का ध्यान करना चाहिए-

आवाहयामि देव त्वामिहायाहि कृपां कुरु।
कोशं वद्र्धय नित्यं त्वं परिरक्ष सुरेश्वर।।

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२०१७ धनत्रयोदशी, धनतेरस पूजा का समय बरेली,

२०१७ धनत्रयोदशी, धनतेरस पूजा का समय बरेली,

२०१७ धनत्रयोदशी, धनतेरस पूजा का समय बरेली,

प्रदोष काल मुहूर्त
धनतेरस पूजा मुहूर्त = १९:११ से २०:०९
अवधि = ० घण्टे ५८ मिनट्स
प्रदोष काल = १७:३७ से २०:०९
वृषभ काल = १९:११ से २१:०६
त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ = १७/अक्टूबर/२०१७ को ००:२६ बजे
त्रयोदशी तिथि समाप्त = १८/अक्टूबर/२०१७ को ००:०८ बजे

धनत्रयोदशी या धनतेरस के दौरान लक्ष्मी पूजा को प्रदोष काल के दौरान किया जाना चाहिए जो कि सूर्यास्त के बाद प्रारम्भ होता है और लगभग २ घण्टे २४ मिनट तक रहता है।

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