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ज्योतिष योग एवं लेखाविद पेशा (Astrology Yogas to Become a Chartered Accountant)

ज्योतिष योग एवं लेखाविद पेशा (Astrology Yogas to Become a Chartered Accountant)
लेखाविद का व्यवसाय आज के भौतिक युग में अत्यधिक प्रतिष्ठा, धन व शोहरत का प्रयाय बन गया है. बुध, गुरु , मंगल व शनि ग्रहों को संबध इस व्यवसाय के लिये अच्छा समझा जाता है.
आवश्यक भाव: दूसरा, छठा, दशम, द्वादश व पंचम भाव (Second, Sixth, Tenth, Twelfth and Fifth House)

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ससुराल में सुखी रहने के लिए

ससुराल में सुखी रहने के लिए

ससुराल में सुखी रहने के लिए

(1) साबुत काले उड़द में हरी मेहंदी मिलाकर जिस दिशा में वर-वधू का घर हो, उस और फेंक दें, दोनों के बीच परस्पर प्रेम बढ़ जाएगा और दोनों ही सुखी रहेंगे।
(2) यदि कन्या 7 साबुत हल्दी की गांठें, पीतल का एक टुकड़ा, थोड़ा सा गुड लेकर ससुराल की तरफ फेंक दें तो वह कन्या को ससुराल में सुख ही सुख मिलता है।
(3) शादी के बाद जब कन्या विदा हो रही हो तो एक लोटे में गंगाजल, थोड़ी सी हल्दी, एक पीला सिक्का लेकर कन्या के सिर के ऊपर से 7 बार उसार कर उसके आगे फेंक दें। उसका वैवाहिक जीवन सदा सुखी रहेगा।

 

 

 

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रोगों से मुक्ति पाने के लिए

(1) यदि किसी के साथ बार-बार दुर्घटना होती हैं तो शुक्ल पक्ष (अमावस्या के तुरंत बाद का पहला) के प्रथम मंगलवार को 400 ग्राम दूध से चावल धोकर बहती नदी अथवा झरने में प्रवाहित करें। यह उपाय लगातार सात मंगलवार करें, दुर्घटना होना बंद हो जाएगा।
(2) यदि कोई पुराना रोग ठीक नहीं हो रहा हो तो गोमती चक्र को लेकर एक चांदी की तार में पिरोएं तथा पलंग के सिरहाने बांध दें। रोग जल्दी ही पीछा छोड़ देगा।

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