* सबसे पहले मिट्टी का हाथी और धन्वंतरि भगवानजी का चित्र स्थापित करें।
* शुद्ध चांदी या तांबे की आचमनी से जल का आचमन करें।
* श्रीगणेश का ध्यान व पूजन करें।
* हाथ में अक्षत-पुष्प लेकर भगवान धन्वंतरि का ध्यान करें।
* इस मंत्र से ध्यान करें :
* मंत्र : देवान कृशान सुरसंघनि पीडितांगान
दृष्ट्वा दयालुर मृतं विपरीतु कामः
पायोधि मंथन विधौ प्रकटौ भवधो
धन्वन्तरि: स भगवानवतात सदा नः
ॐ धन्वन्तरि देवाय नमः