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मृत्युंजय मंत्र का जाप हर मनुष्य को करना चाहिऐ

मृत्युंजय मंत्र का जाप हर मनुष्य को करना चाहिऐ

मृत्युंजय मंत्र का जाप हर मनुष्य को करना चाहिऐ

ॐ भगवान शिव के मृत्युंजय मंत्र का जाप हर मनुष्य को करना चाहिऐ!
महामृत्युंजय मंत्र के 33 अक्षर हैं जो महर्षि वशिष्ठ के अनुसार 33 कोटि(प्रकार) के देवताओं
के घोतक हैं।
महामृत्युंजय मन्त्र से शिव की आराधना करने
पर समस्त देवी देवताओं की आराधना स्वमेव
हो जाती है।
उन तैंतीस कोटि देवताओं में 8 वसु 11 रुद्र और
12 आदित्य 1 प्रजापति तथा 1 षटकार हैं।
इन तैंतीस कोटि देवताओं की सम्पूर्ण शक्तियाँ
महामृत्युंजय मंत्र से निहीत होती है,
जिससे महा महामृत्युंजय का पाठ करने वाला
प्राणी दीर्घायु तो प्राप्त करता ही हैं।

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क्यों नहीं देखते है भादों चतुर्थी का चंद्रमा

क्यों नहीं देखते है भादों चतुर्थी का चंद्रमा

क्यों नहीं देखते है भादों चतुर्थी का चंद्रमा

आप भी जानें :पौराणिक कथानुसार जब श्री गणेश जी सत्यलोक से विचरते हुए चंद्रलोक पहुंचे तब वहां रूपवान चंद्रमा को श्री गणेश जी का व्यक्तित्व बहुत ही हास्यापद लगा उनकी बढ़ी हुयी तोंद, लम्बी सूंड और बड़े बड़े दांत इत्यादि देखकर अपने रूप पर गर्वित चन्द्र देव उन पर हंस पड़े l इस पर गणपति चंद्रमा पर कुपित हो गए और श्राद दे डाला कि जो भी शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को तुम्हें देखेगा वो कलंकित हुए बगैर नहीं रहेगा l श्राप सुनकर चंद्रमा का मुख मलिन हो गया और वो जल में प्रवेश कर वहीँ निवास करने लगे l सभी देव,ऋषि और गन्धर्व दुखी और चिंतित होकर ब्रह्मा जी के पास गए उन्हें चन्द्रमा के शाप के बारे में सुना कर शाप मुक्

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भाई दूज, जानिए तिलक का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, कथा और महत्‍व

भाई दूज (Bhai Dooj) या भैया दूज (Bhaiya Dooj) का त्‍योहार भाई-बहन के अपार प्रेम और समर्पण का प्रतीक है. इस दिन विवाहित महिलाएं अपने भाइयों को घर पर आमंत्रित कर उन्‍हें तिलक लगाकर भोजन कराती हैं. वहीं, एक ही घर में रहने वाले भाई-बहन इस दिन साथ बैठकर खाना खाते हैं. मान्‍यता है कि भाई दूज के दिन अगर भाई-बहन यमुना किनारे बैठकर साथ में भोजन करें तो यह अत्‍यंत मंगलकारी और कल्‍याणकारी होता है. दीपावली (Deepawali or Diwali) के दो दिन बाद आने वाले इस त्‍योहार को यम द्वितीया (Yam Dwitiya) भी कहा जाता है. इस दिन मृत्‍यु के देवता यम की पूजा (Yam Puja) का भी विधान है. 

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