Image: 

कृष्ण जन्माष्टमी पूजन समय

जन्माष्टमी 2018 पर्व का उचित समय व मुहूर्त
दिनांक:- 2 सितंबर
निशीथ पूजा:- 23:57 से 00:43 (श्रीकृष्ण जन्म)
पारण:- 20:05 (3 सितंबर) के बाद
रोहिणी समाप्त- 20:05 (3 सितम्बर)
अष्टमी तिथि आरंभ – 20:47 (2 सितंबर)
अष्टमी तिथि समाप्त – 19:19 (3 सितंबर)

Image: 

कृष्ण जन्माष्टमी पूजन विधि

कृष्ण जन्माष्टमी के दिन सुबह उठकर पूजा से पहले स्नान करें और माथे पर चंदन लगाएं। इसके बाद घर में बने मंदिर में जाएं और भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति को भी स्नान कराएं। मूर्ति को दूध, घी, फूल और सादा पानी से नहलाएं। स्नान कराने के बाद उन्हें पीले वस्त्र धारण कराएं और पीले रंग के आभूषणों से उनका श्रृंगार करें। इसके बाद उन्हें दोबारा से मंदिर में विराजमान करा दें। नहलाने के बाद मूर्ति के साथ खाना, फूल, पानी और घी का दिया रख दें। पूजा के लिए एक पवित्र और साफ सुथरी थाली लें, उसमें गंगाजल, कुमकुम, चंदन, धूप, दीपक और कुछ फूल रख लें। इसके अलावा एक दूसरी प्लेट और लें जिसमें फल-फूल और पानी रखें। इसके सा

Image: 

18 मार्च से प्रारंभ हो रहे हैं चैत्र नवरात्रि ये दो हैं कलश स्‍थापना के मुहूर्त

साल में दो बार नवरात्रि का आयोजन होता है, जिन्‍हे ग्रीष्‍म नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि कहते हैं। हिंदू नव वर्ष की शुरूआत में आने वाले नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि कहा जाता है। नौ दिनों के इस उत्‍सव को चैत्र माह के शुक्‍ल पक्ष में मनाया जाता है। इस में शक्‍ति रूपा माता के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना होती है। 2018 में चैत्र नवरात्रि 18 मार्च से शुरू हो रहे हैं और 25 मार्च तक रहेंगे। इस बार अष्टमी और नवमी एक ही दिन 25 मार्च को मनाई जायेगी। 

चैत्र नवरात्रि घट स्थापना का शुभ मुहूर्त

Pages

Subscribe to शुक्ला वैदिक ज्योतिष संस्थान RSS