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दिवाली से पहले धनतेरस पर पूजा का विशेष महत्व होता है और इस दिन धन और आरोग्य के लिए भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती हैं। इस दिन कुबेर की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि इसी दिन भगवान धनवन्तरी का जन्म हुआ था जो कि समुन्द्र मंथन के दौरान अपने साथ अमृत का कलश और आयुर्वेद लेकर प्रकट हुए थे और इसी कारण से भगवान धनवन्तरी को औषधी का जनक भी कहा जाता है। इस बार धनतेरस 5 नवंबर को है।
धनतेरस के दिन सोने-चांदी के बर्तन खरीदना भी शुभ माना जाता है इस दिन धातु खरीदना भी बेहद शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से किस्मत चमक जाती है।
कैसे करें धनतेरस की पूजा
1. सबसे पहले मिट्टी का हाथी और धन्वंतरि भगवानजी की फोटो स्थापित करें।
2. चांदी या तांबे की आचमनी से जल का आचमन करें।
3. भगवान गणेश का ध्यान और पूजन करें।
4. हाथ में अक्षत-पुष्प लेकर भगवान धन्वंतरि का ध्यान करें।
पूजा के समय इस मंत्र का करें जप
देवान कृशान सुरसंघनि पीडितांगान, दृष्ट्वा दयालुर मृतं विपरीतु कामः
पायोधि मंथन विधौ प्रकटौ भवधो, धन्वन्तरि: स भगवानवतात सदा नः
ॐ धन्वन्तरि देवाय नमः ध्यानार्थे अक्षत पुष्पाणि समर्पयामि