वाहन खरीदी

कोई अपने सुख के लिए वाहन खरीदना चाहता है तो कोई व्यवसायिक उद्देश्य से. उद्देश्य चाहे जो भी आज की तेज रफ्तार जिन्दग़ी में रफ्तार के साथ चलने के लिए वाहन की चाहत हर किसी के दिल में होती है.   ज्योतिषशास्त्र के सिद्धांत के अनुसार जन्म के समय ग्रह जिस भाव, राशि एवं स्थिति में कुण्डली में आकर बैठते हैं उसी के अनुसार तय होता है कि व्यक्ति को कब और किस स्तर का वाहन सुख मिलेगा. 

वाहन सुख और ग्रह, राशि एवं भाव (Vehicles, Signs and Houses) 
जन्म कुण्डली में चतुर्थ भाव को सुख का स्थान माना जाता है तथा शुक्र को वाहन सुख का कारक. किसी व्यक्ति को वाहन सुख मिलेगा अथवा नहीं उसमें शुक्र एवं चौथे घर के स्वामी ग्रह की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है. भाग्य एवं आय स्थान भी इस विषय अहम माने जाते हैं. 

ग्रहों की स्थिति और वाहन (The placement of planets and vehicles) 
जन्म कुण्डली में यदि चतुर्थेश लग्नेश के घर में हो तथा लग्नेश चतुर्थेश के घर में तो इन दोनों के बीच राशि परिवर्तन योग बनेगा. इस योग के शुभ प्रभाव से व्यक्ति को वाहन सुख की प्राप्ति होती है. चौथे घर का स्वामी ग्रह तथा नवम भाव का स्वामी ग्रह लग्न स्थान में युति बनाएं तो वाहन सुख के लिए इस अच्छा योग माना जाता है. इस ग्रह स्थिति में व्यक्ति का भाग्य प्रबल होता है जो उसे वाहन सुख दिलाता है. 

कुण्डली में नवम, दशम अथवा एकादश भाव में शुक्र के साथ चतुर्थेश की युति होने पर बहुत ही अच्छा वाहन प्राप्त होता है (The conjunction of fourth-lord with Venus gives a good vehicle). वाहन सुख पाने में इन ग्रहों का पूरा योगदान मिलता है. यहां ध्यान रखने वाली बात यह है कि चतुर्थेश का सम्बन्ध शनि के साथ हो अथवा शनि शुक्र की युति हो तो वाहन सुख पाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है अथवा शारीरिक श्रम से चलने वाले वाहन की प्राप्ति होती है. 

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार गोचर में जब कभी चौथे भाव का स्वामी, नवम, दशम अथवा एकादश भाव के स्वामी के साथ चर राशि में युति सम्बन्ध बनाता है वाहन सुख मिलने की पूरी संभावना बनती है. अगर कुण्डली में यह शुभ स्थिति हो फिर भी वाहन सुख नहीं मिलता है तो संभव है कि इस सम्बन्ध को पाप ग्रह प्रभावित कर रहे हों अत: इसकी जांच कर लेनी चाहिए. 

चतुर्थ भाव सुख भाव होता है तथा भौतिक सुख देने वाले ग्रह शुक्र हैं फिर भी इन दोनों ग्रहों की युति चतुर्थ भाव में होने पर बहुत अच्छा परिणाम प्राप्त नहीं होता है. ज्योतिषशास्त्र के विधान के अनुसार इस स्थिति में व्यक्ति कार या बाईक ले सकता है परंतु यह सामान्य दर्जे का हो सकता है. शुक्र एवं चतुर्थेश के इस सम्बन्ध पर यदि पाप ग्रह का प्रभाव हो तो वाहन सुख का अभाव भी हो सकता है. 

वाहन सुख पाने का समय (The time one gets a vehicle) 
जब हम आप देखते हैं कि कोई अपनी कार अथवा बाईक पर शान से चला जा रहा है तो मन से यही आवज़ आती है कि कब मिलेगा वाहन सुख. वास्तव में इस संसार में जो भी होता है उसका एक निश्चित समय निर्धारित है. समय आने पर ही कोई व्यक्ति मकान अथवा वाहन खरीद पाता है. जहां तक इस प्रश्न की बात है कि वाहन सुख कब मिलेगा तो इस विषय में ज्योतिषशास्त्र की गणना यह कहती है कि कुण्डली में चतुर्थेश उच्च राशि में शुक्र के साथ हो तथा चौथे भाव में सूर्य विराजमान हो तब 30 वर्ष के पश्चात वाहन सुख मिलने की संभावना रहती है. 

एकादश भाव में चतुर्थेश बैठा हो एवं लग्न में शुभ ग्रह विराजमान हो तो लगभग 12 से 15 वर्ष के पश्चात वाहन सुख पाने का सौभाग्य प्राप्त होता है. यही फल तब भी मिलता है जब चतुर्थ भाव का स्वामी नीच राशि में बैठा हो एवं लग्न में शुभ ग्रह की स्थिति हो. जिन लोगों की जन्म कुण्डली में दशम भाव का स्वामी चतुर्थ के साथ युति बनाता है और दशमेश अपने नवमांश में उच्च का होता है उन्हें देर से वाहन सुख पाने का सौभाग्य मिलता है. 

वाहन सुख कम मिलेगा इस विषय में एक ज्योतिषीय गणना बहुत ही उपयोगी है. चतुर्थेश कुण्डली में स्वराशि में हो, मित्र राशि में, मूल त्रिकोण अथवा उच्च राशि में तथा चतुर्थ भाव पाप प्रभाव से मुक्त हो तब चतुर्थेश अथवा शुक्र में जो बलवान होगा वह गोचर में जब लग्न अथवा त्रिकोण में भ्रमण करेगा तब प्रयास करने पर वाहन सुख प्राप्त किया जा सकता है.

 

ज्योतिष के अनुसार चयन करें वाहन का रंग 

ज्योतिष के अनुसार चयन करें वाहन का रंग |  वाहन खरीदते समय रंग का विचार जरूर करना चाहिए।  वस्तुतः जिस प्रकार से जीवन के लिए तीन चीजे रोटी,कपड़ा और मकान आवश्यक है उसी प्रकार वर्तमान समय में “वाहन” भी हमारे मूलभूत अंग के रूप में स्थापित हो गया है। वाहन खरीदना और बहुमूल्य वाहन में यात्रा करना व्यक्ति का सपना होता है यही कारण है की  आज व्यक्ति जब नौकरी प्रारम्भ करता है तो सर्वप्रथम अपने सामर्थ्यानुसार वाहन खरीदता है उसके बाद ही अन्य सपनो के साकार करने के लिए कदम बढ़ाता है।

  
अब प्रश्न उठता है कि

किसी भी व्यक्ति के लिए जीवन में वाहन खरीदना एक महत्वपूर्ण निर्णय होता है। वाहन खरीदने से पहले व्यक्ति के मन में अनेक प्रकार के प्रश्न उत्पन्न होते है जैसे —

क्या वाहन खरीदना मेरे लिए शुभ होगा ?

वाहन खरीदने का शुभ समय है या नहीं ?

किस रंग का वाहन हमारे लिए शुभ होगा।

वाहन का नंबर क्या होना चाहिए।  इत्यादि इत्यादि

उपर्युक्त प्रश्नों का उत्तर ज्योतिष के माध्यम से दिया जा सकता है ।

वैदिक ज्योतिष और वाहन का रंग | 

इसके लिए जन्मकुंडली में चतुर्थ, नवम तथा एकादश भाव से विचार किया जाता है। जन्मकुंडली में चतुर्थ भाव से वाहन का विचार किया जाता है।नवम भाव भाग्य स्थान और यात्रा का है।  एकादश भाव आय, लाभ तथा ईच्छापूर्ति  का है। यदि चौथे भाव का सम्बन्ध लाभ तथा यात्रा भाव से बनता है तो यह समझा जाता है कि व्यक्ति को वाहन से यात्रा करने पर लाभ की प्राप्ति होगी। यदि सम्बन्धित भाव और भावेश पर किसी अशुभ ग्रह की दृष्टि नहीं है तो जातक को वाहन से लाभ मिलेगा अत वैसे जातक को वाहन खरीदने की सलाह देना चाहिए। इसके बाद व्यक्ति यह प्रश्न करता है कि आप बताएं कि मेरे लिए वाहन किस रंग का तथा किस नम्बर का खरीदना शुभ रहेगा।

वैदिक ज्योतिष के आधार पर यह निर्णय किया जा सकता है कि किस व्यक्ति को किस रंग का वाहन खरीदना चाहिए जो शुभ हो। व्यक्ति विशेष के लिए रंग शुभ या अशुभ हो सकता है इस बात से सभी भलीभांति वाकिफ हैं।

कई बार ऐसा देखने के लिए मिलता है कि व्यक्ति नई गाड़ी खरीदता है और हमेशा खराब ही रहता है।बार बार उसे ठीक करवाने तथा उसके ऊपर पैसे खर्च करते रहने के बाद भी वाहन साथ नहीं देता।  कभी एक्सीडेंट हो जाना तो बार-बार पंचर हो जाना आदि समस्या लगी ही रहती है।

यदि आपको यह लगता है की यह गाडी मेरे लिए शुभ नहीं है जब से यह वाहन घर में आया है कोई न कोई परेशानी लगी ही रह रही है तो घबराने की जरूररत नहीं है आपको बस यह करना है की किसी ज्योतिषी के परामर्श से अपनी राशि के अनुसार शुभ मुहूर्त, रंग तथा नंबर का चुनाव करके गाडी /वाहन/व्हीकल खरीद ले इसका परिणाम आपको अवश्य ही शुभ मिलेगा ।

राशि के आधार पर गाड़ी/ वाहन के रंग का निर्धारण | 

मेष  तथा वृश्चिक राशि

Vehicle Color

मेष राशि का स्वामी मंगल देव है। मंगल देव लाल रंग का प्रतिनिधित्व करते है अतः आपको लाल रंग का गाडी ( Red Vehicle Color)  खरीदना चाहिए। इसके अतिरिक्त आप सफेद,नारंगी पीला या महरून रंग का वाहन भी आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।

वृषभ तथा तुला राशि

वृषभ राशि का स्वामी शुक्र देव है।  शुक्र ग्रह का रंग सफ़ेद, क्रीम तथा सिल्वर है अतः आपको इन्ही रंग का वाहन  (Vehicle Color ) खरीदना चाहिए।

मिथुन तथा कन्या राशि

मिथुन राशि का स्वामी ग्रह बुध है और बुध हरे रंग का प्रतिनिधित्व करता है अतः आपको हरा रंग का वाहन (Vehicle Color ) खरीदना चाहिए। परन्तु सामान्यतः हरा रंग का वाहन कम ही मिलता है अतः इसके स्थान पर आप काले रंग का भी वाहन ले सकते है।

कर्क राशि

कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है इसलिए इस राशि वालों के लिए सफेद, सिल्वर या क्रीम रंग का गाड़ी / व्हिकल (Vehicle Color ) खरीदना फायदेमंद रहेगा।

सिंह राशि

सिंह राशि का स्वामी सूर्य है अतः इस राशि वाले जातक नारंगी, सफेद, लाल,पीला, महरून या चॅाकलेटी रंग का वाहन (Vehicle Color ) खरीदना फायदेमंद रहेगा।

धनु तथा मीन राशि

धनु तथा मीन राशि का स्वामी ग्रह  गुरु/वृहस्पति देव है।  इस राशि वाले को  पीला, क्रीम, सफेद या लाल रंग का वाहन (Vehicle Color ) खरीदना चाहिए।

मकर तथा कुम्भ राशि

मकर तथा कुम्भ राशि के स्वामी ग्रह शनि देव है।  इस राशि वालों के लिए काल, बैंगनी, नीला, सिल्वर  तथा भूरे रंग के वाहन (Vehicle Color ) खरीदना चाहिए।