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आध्यात्मिक एवं भौतिक दृष्टि से गाय का महत्त्व…

आध्यात्मिक एवं भौतिक दृष्टि से गाय का
महत्त्व…….
आध्यात्मिक एवं भौतिक दृष्टि से गाय का
महत्त्व…….
गाय का यूं तो पूरी दुनिया में ही काफी महत्व है,
लेकिन भारत के संदर्भ में बात की जाए तो प्राचीन
काल से यह भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ रही है।
चाहे वह दूध का मामला हो या फिर खेती के काम में
आने वाले बैलों का। वैदिक काल में गायों की संख्या
व्यक्ति की समृद्धि का मानक हुआ करती थी। दुधारू
पशु होने के कारण यह बहुत उपयोगी घरेलू पशु है।
भारतवर्ष में प्राचीन काल से ही गोधन को मुख्य धन

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अत्यंत बीमार होने पर मृत्यु की आशंका से बचने के लिये

उसकी सिकाई करें । ध्यान रहे रोट को उलट-पलट न
करें । सिक जाने पर उसको उतार कर तेल से रोट को चुपड़ कर उस
पर गुड़ की डली रखकर पूरे
शरीर पर उतारा करें । इस मंत्र : ‘ ॐ सर्व
रोगहराय श्री हनुमते नमः ’ का 11 शनिवार या मंगल के
दिन उतारा करके काले भैंसे या काले कुत्ते को खिला दें । 3, 5 या 7
मंगल से शनिवार तक करें, रोगी को लाभ हो जाएगा ।
लंबी बीमारी से
पीड़ित व्यक्ति को स्वास्थ्य लाभ के लिए गुड़ के गुलगुले
सवा किलो सरसों के तेल में बना कर शनिवार व रविवार
को रोगी के शरीर के ऊपर से उतारा करके
उक्त मंत्र : -

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शंका समाधान - बसन्त नवरात्र 2017 कब से

इस बार वर्ष 2017 में बसन्त नवरात्र 28 मार्च को से प्रारंभ होंगे या फ़िर 29 मार्च से. यह इस बार शंका का विषय है.
बसन्त नवरात्र का प्रारम्भ चैत्र शुक्ल में उदय व्यापिनी प्रतिपदा को होता है. लेकिन यदि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा किसी भी दिन उदय व्यापिनी नही है या प्रतिपदा तिथि का क्षय हो, तो पहले ही दिन (अमावश्या वाले दिन ) नवरात्र प्रारम्भ करने के शास्त्रों ने निर्देश दिया है.

धर्मसिंधु के मतानुसार -

'' तत्रोदयिकी प्रतिपद् ग्राह्या।
दिनद्विये उद्यव्यापतौ अव्यापतौ वा पूर्वा।।

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