Image: 

ग्रहों के कारकत्व

1. प्रथम भाव (तनु) – इस भाव का कारक सूर्य है। इसमे मिथुन, कन्या, तुला और कुंभ राशियों मे से कोई राशि हो, तो उसे बलवान माना जाता है।

Image: 

मोर पंख

इन 27 चमत्कारिक वस्तुओं का रहस्य जानिए

मोर पंख

निश्चित ही यदि आपको अपने जीवन को बदलना है, तो आपको अपने आसपास की वस्तुओं, तस्वीरों, खिड़की-दरवाओं की दिशाओं और खुद के पहनावे पर ध्यान देना होगा। नकारात्मक जगह, घर और वस्तुओं से बचना जरूरी है। मात्र 2-3 साल खराब जगह या वास्तुदोष से ग्रस्त घर में रहने से आपके संबंध और आपकी समृद्धि तबाह हो सकती है, उन्नति रुक सकती है और आप जीवन में 10 साल पिछड़ सकते हैं।

Image: 

तीन ग्रहों की युति के फल

तीन ग्रहों की युति के फल

तीन ग्रहों की युति के फल

तीन ग्रहों की युति के फल
;--------------
1. सूर्य+चन्द्र+बुध = माता-पिता के लिये अशुभ। मनोवैज्ञानिक।
सरकारी अधिकारी। ब्लैक मेलर । अशांत।
मानसिक तनाव। परिवर्तनशील।
2 सूर्य+चन्द्र +केतू = रोज़गार के लिये परेशान। न दिन को चैन न
रात को चैन। बुद्धि काम ना दे, चाहे लखपति भी हो
जाये। शक्तिहीन।
3. सूर्य+शुक्र+शनि = पति/पत्नी में विछोह। तलाक
हो। घर में अशांति। सरकारी नौकरी में गड-
बड़।
4. सूर्य+बुध+राहू = सरकारी नौकरी।
अधिकारी। नौकरी में गड-बड़। दो विवाह का
योग। संतान के लिये हल्का। जीवन में अन्धकार।

Pages

Subscribe to शुक्ला वैदिक ज्योतिष संस्थान RSS