वास्तुशास्त्र के अनुसार पंचमहाभूतों-
पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि और
आकाश के विधिवत उपयोग से बने आवास में
पंचतत्व से निर्मित प्राणी
की क्षमताओं को विकसित करने
की शक्ति स्वत: स्फूर्त हो
जाती है।
अगर हर तत्व अपनी
सही जगह पर हो जाये तो मानव
जीवन की परेशानियों का
दौर स्वत ही समाप्त हो जाता
है। वास्तु विषय का परम उद्देश्य खुशहाल
एवं समृद्धिदायक मकान का निर्माण करना है।
वास्तु विषय में भूगर्भीय ऊर्जा,
चुंबकीय शक्ति, गुरुत्वाकर्षण बल,
अंतरिक्ष से आने वाली किरणें,