उनका ध्यान करके पढ़ेगा, उसे इस संसार में धन-धान्य, समृद्धि,
सुख-शांति और निर्भय जीवन व्यतीत करने
के समस्त साधन प्राप्त होंगे। यह एक गुप्त मंत्र है। इसके पाठ
से मारण, मोहन, वशीकरण, स्तम्भन और उच्चाटन
आदि उद्देश्यों की भी पूर्ति होती है।
यह मंत्र कुछ इस तरह हैः
ओम ऐं ह्लीं क्लीं चमुण्डायै विच्चे।। ओम
ग्लौं हुं क्लीं जूं स: ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल
प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्लीं क्लीं चामुण्डायै
विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।।