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देवी ने रचा गुप्त मंत्र

उनका ध्यान करके पढ़ेगा, उसे इस संसार में धन-धान्य, समृद्धि,
सुख-शांति और निर्भय जीवन व्यतीत करने
के समस्त साधन प्राप्त होंगे। यह एक गुप्त मंत्र है। इसके पाठ
से मारण, मोहन, वशीकरण, स्तम्भन और उच्चाटन
आदि उद्देश्यों की भी पूर्ति होती है।
यह मंत्र कुछ इस तरह हैः
ओम ऐं ह्लीं क्लीं चमुण्डायै विच्चे।। ओम
ग्लौं हुं क्लीं जूं स: ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल
प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्लीं क्लीं चामुण्डायै
विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।।

 

 

 

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वक्री शनि से होगा भाग्योदय

वक्री शनि से होगा भाग्योदय

वक्री शनि से होगा भाग्योदय

निशा घई
आपको भी यह सुनकर आश्चर्य होगा कि वक्री शनि भी भाग्योदय का कारण बन सकता है। दरअसल, शनि, 25 मार्च 2016 की दोपहर 3 बजकर 15 मिनट पर वक्री हुआ था। नक्षत्र है ज्येष्ठा और राशि है वृश्चिक। शनि मार्गी हो रहा है, 12 अगस्त 2016 को अनुराधा नक्षत्र और वृश्चिक राशि में।

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