Image: 

सूरज और शनि की युति की कूछ ज्योतिष

शत्रु मना जाता है।सूरज और शनि मे से जो ज्यादा
पावरफुल होगा उसकी स्थिति दूसरे से बढ़िया होगी
जैसे मान लो सूरज और शनि मे अग्र सूरज की स्थिति
हुई तो बेटा जब गर्भ मे आयगा बाप की स्थिति सही
होनी शुरू हो जाती है और जैसे जैसे बेटा बड़ा होता है
वैसे वैसे पिता की possition बढ़िया होती जाती है
पर बेटे की खुद की possition सही नहीँ rehti वो कोई
काम सही से नहीँ कर पाता समज मे उसकी खुद की
कोई possition नहीँ होती लोग उसको उसके बाप के
कारण जानते है और वह जातक जीवन मे तब तक
कामयाब नहीँ होता जब तक की उसके पिता जी

Image: 

ईशान दिशा

ईशान दिशा

ईशान दिशा

 जप करना भी लाभप्रद होता है।
पूर्व दिशा—–
घर का पूर्व दिशा वास्तु दोष से पीड़ित है तो इसे
दोष मुक्त करने के लिए प्रतिदिन सूर्य मंत्र ‘ॐ ह्रां
ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः’ का जप करें। सूर्य इस
दिशा के स्वामी हैं। इस मंत्र के जप से सूर्य के शुभ
प्रभावों में वृद्घि होती है। व्यक्ति मान-सम्मान एवं
यश प्राप्त करता है। इन्द्र पूर्व दिशा के देवता हैं।
प्रतिदिन 108 बार इंद्र मंत्र ‘ओम इन्द्राय नमः’ का
जप करना भी इस दिशा के दोष को दूर कर देता है।
आग्नेय दिशा—-
इस दिशा के स्वामी ग्रह शुक्र और देवता अग्नि हैं। इस

Image: 

14 अप्रैल को तंत्रशास्त्र के मंत्रों से गणपति को रिझाए

14 अप्रैल को तंत्रशास्त्र के मंत्रों से गणपति को रिझाएं, पूरी होगी धन-वैभव की कामना

Pages

Subscribe to शुक्ला वैदिक ज्योतिष संस्थान RSS