सूरज और शनि की युति की कूछ ज्योतिष

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शत्रु मना जाता है।सूरज और शनि मे से जो ज्यादा
पावरफुल होगा उसकी स्थिति दूसरे से बढ़िया होगी
जैसे मान लो सूरज और शनि मे अग्र सूरज की स्थिति
हुई तो बेटा जब गर्भ मे आयगा बाप की स्थिति सही
होनी शुरू हो जाती है और जैसे जैसे बेटा बड़ा होता है
वैसे वैसे पिता की possition बढ़िया होती जाती है
पर बेटे की खुद की possition सही नहीँ rehti वो कोई
काम सही से नहीँ कर पाता समज मे उसकी खुद की
कोई possition नहीँ होती लोग उसको उसके बाप के
कारण जानते है और वह जातक जीवन मे तब तक
कामयाब नहीँ होता जब तक की उसके पिता जी
जीवित है और इसके उलट अग्र सूरज और शनि मे शनि
ज्यादा powerfull हुआ तो जातक जब गर्भ मे ही
होगा तभी से बाप की possition कमजोर होनी शुरू
हो जाती है और बाप आर्थिक शारीरिक और
मानसिक और घर मे कलेश रहता ही है और बाप
कर्जेदार और अपमानित होता है और इसके उलट जातक
आपनी लाईने मे कामयाबी के झंडे बुलंद करता रहता है
ये योग अग्र सप्तम भाव मे हो तो sure है जातक का
तलाक निश्चित है और जातक के घर मे भी दो
शादियां हुई होती है ये सयौर है