जानिए आपके हाथ की हस्तरेखा
में ‘शनि रेखा’ का प्रभाव-दुष्प्रभाव—-
आकाश में भम्रमण कर रहे शनि ग्रह की रेखा
भी विशिष्ट है। यह बल्यधारी ग्रह
अपने नीलाभवर्ण और चतुर्दिक मुद्रिका-कार आभायुक्त
बलय के कारण बहुत ही शोभन प्रतीत
होता है। यह ग्रह अपनी अशुभ स्थिति में मनुष्य
को ढाई वर्ष, साढे सात वर्ष, अथवा उन्नीस वर्षों तक
अत्यधिक पीडा देता है परंतु शुभ स्थिति में यह ग्रह
उतना ही वैभवदाता, रक्षाकारी और
संपन्नतावर्धक रूप धारण कर लेता हैं, जन्मकुंडली
की भांति मानव हथेलियों पर भी शनि ग्रह
की स्थिति होती है। शनि-पर्वत