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ज्योतिष क्या विज्ञान है?

ज्योतिष क्या विज्ञान है? क्या ज्योतिषी भाग्य
बदल सकने में समर्थ है ?
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ज्योतिष निश्चित रूप से विज्ञान है। लेकिन
विज्ञान की तरह इसकी भी सीमाएं हैं। विज्ञान के
विभिन्न क्षेत्रों में लगातार अनुसंधान चल रहे हैं।
जबकि ज्योतिष में ऐसा नहीं है। ज्योतिषी अनुसंधान
करने के बजाय इसे धन कमाने का साधन बनाए हुए हैं।
ज्योतिष को अंधविश्वासों से जोड़कर और फिर उन्हें
दूर करने के उपायों के नाम पर
लोगों को लूटा जाता है। इससे इस पवित्र विद्या के

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जन्म कुंडली और सुन्दर पत्नी

है | उतना ही जितना आप अपना स्वयं का महत्व समझते
हैं | इसलिए कभी अनदेखा न करें यदि कुंडली के सप्तम
स्थान में मंगल, शनि, राहू, केतु या सूर्य में से एक भी ग्रह
मौजूद हो | यदि इनमे से सूर्य हो तो विशेष
चिंता की बात नहीं है जब तक की सूर्य मकर
या तुला राशी का न हो | मंगल भी यदि मेष वृश्चिक
धनु मकर मीन का यहाँ होगा तो विशेष नुक्सान
नहीं करेगा परन्तु यदि कर्क तुला मिथुन
कन्या राशी का मंगल सप्तम में हो तो प्रबल मंगलीक
योग के साथ साथ आपकी अपनी पत्नी के साथ
नहीं बनेगी | राहू के सप्तम भाव में होने का अर्थ है

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व्यूटी पार्लर और वास्तु

स्त्रीलिंग शब्द पर होना चाहिए | पार्लर से संबधित
उपकरण और डस्ट बीन नैऋत्य कोण मे रखनी चाहिए |
थ्रेडिंग, हेयर कटिंग, ट्रिमिंग की व्यवस्था उत्तर पूर्व
दिशा मे होनी चाहिए | ग्राहको के बैठने
की व्यवस्था वायव्य कोण मे करनी चाहिए | मुख्य
व्यूटीशियन की सिट दक्षिण दिशा मे होनी चाहिए
| वेक्सिंग, मेनीक्योर, पेडीक्योर, मेंहदी, हेयर कलरिंग,
फेशियल, दुल्हन मेकअप की व्यवस्था आग्नेय कोंण मे
करनी चाहिए | दर्पण उत्तरी पूर्वि दीवार मे सेट
करना चाहिए साथ ही व्यूटी पार्लर मे मोहक तश्वीरे
भी लगानी चाहिए |

 

 

 

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