चाँदों की 3 गोलियाँ बनायें, फिर दो मास
का गर्भ पूरा होने पर अर्था 61, 62, 63 वें दिन 1-1-
गोली प्रातः काल बछड़े वाली गौ के दूध के
साथ
गर्भवती को सेवन करायें ।
। नोटः- चाँदों की
कतरन (चूरा)
को कैपसूल में भरकर भी प्रयोग किया जा सकता हैं
2 ऋ़तुकाल में पलाश (ढाक) का पत्ता दूध में पीसकर
पिलाने से भी होने वाली सन्तान
शर्तिया लड़का ही होता है।
3 गर्भवती होने पर प्रथम मास में ही
शिवलिंगी के 9
या 11 बीजों का चूर्ण बछड़े वाली गाय के
दूध के साथ
प्रातः काल फाँकने से शिव के समान पराक्रमी पुत्र