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उससे सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त करने के लिए
जरूरी है कि सही मुहूर्त में गृह प्रवेश
किया जाए।
नए घर में प्रवेश से पहले वास्तु शांति अर्थात यज्ञादि धार्मिक कार्य
अवश्य करवाने चाहिए। वास्तु शांति कराने से भवन
की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है
तभी घर शुभ प्रभाव देता है। जिससे जीवन
में खुशी व सुख-समृद्धि आती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार मंगलाचरण सहित वाद्य ध्वनि करते हुए
कुलदेव की पूजा व वृद्धों का सम्मान करके व
ब्राह्मणों को प्रसन्न करके गृह प्रवेश करना चाहिए।
गृह प्रवेश के पूर्व वास्तु शांति कराना शुभ होता है। इसके लिए शुभ
नक्षत्र वार एवं तिथि इस प्रकार हैं-
शुभ वार- सोमवार, बुधवार, गुरुवार, व शुक्रवार शुभ हैं।
शुभ तिथि- शुक्लपक्ष की द्वितीया,
तृतीया, पंचमी, सप्तमी,
दशमी, एकादशी, द्वादशी एवं
त्रयोदशी।
शुभ नक्षत्र- अश्विनी, पुनर्वसु, पुष्य, हस्त,
उत्ताफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, उत्तराभाद्रपद,
रोहिणी, रेवती, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा,
स्वाति, अनुराधा एवं मघा।
अन्य विचार- चंद्रबल, लग्न शुद्धि एवं भद्रादि का विचार कर
लेना चाहिए।