से द्वेष ,व्यवसाय में बाधा ,पशु धन की हानि ,
सिनेमा –अश्लील साहित्य अथवा काम वासना की
ओर ध्यान लगे रहने के कुप्रभाव से शिक्षा प्राप्ति में
बाधा होती है | जिस भाव का स्वामी शुक्र होता
है उस भाव से विचारित कार्यों व पदार्थों में
असफलता व हानि होती है |
गोचर में शुक्र का प्रभाव —–
जन्म या नाम राशि से 1,2,3,4,5,8,9,11,12 वें स्थान
पर शुक्र शुभ फल देता है |शेष स्थानों पर शुक्र का
भ्रमण अशुभ कारक होता है |
जन्मकालीन चन्द्र से प्रथम स्थान पर शुक्र का गोचर
सुख व धन का लाभ,शिक्षा में सफलता