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शिवलिंग के निर्माण के लिये स्वर्णादि विविध

इसके बारे में कहा गया है कि,
मृदः कोटि गुणं स्वर्णम, स्वर्णात्कोटि गुणं मणिः,
मणेः कोटि गुणं बाणो, बाणात्कोटि गुणं रसः
रसात्परतरं लिंगं न भूतो न भविष्यति ॥
अर्थात मिटृी से बने शिवलिंग से करोड गुणा ज्यादा
फल सोने से बने शिवलिंग के पूजन से, स्वर्ण से करोड
गुणा ज्यादा फल मणि से बने शिवलिंग के पूजन से,
मणि से करोड गुणा ज्यादा फल बाणलिंग से तथा
बाणलिंग से करोड गुणा ज्यादा फल रस अर्थात पारे
से बने शिवलिंग के पूजन से प्राप्त होता है। आज तक
पारे से बने शिवलिंग से श्रेष्ठ शिवलिंग न तो बना है
और न ही बन सकता है।

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नेगेटिव एनर्जी

वास्तु शास्त्र पॉजिटिव व नेगेटिव ऊर्जा के सिद्धांत
पर कार्य करता है। यदि घर में या घर के आस-पास कोई
ऐसी वस्तु हो, जिससे नेगेटिव
ऊर्जा निकलती हो तो यह गंभीर वास्तु दोष
की श्रेणी में आता है। ऐसे दोषों को इस प्रकार दूर
किया जा सकता है-
1. घर के आंगन में सूखे एवं भद्दे दिखने वाले पेड़ जीवन के
अंत की ओर इशारा करते हैं। ऐसे पेड़ों या ठूंठ को शीघ्र
ही कटवा देना चाहिए।
2. इंटीरियर डेकोरेशन के लिए कुछ
ऐसी कलाकृतियों का प्रयोग होता है जो सूखे ठूंठ
या नकारात्मक आकृति के होते हैं। ये सभी मृतप्राय:

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होली पर करे रामचरित मानस की चोपाई

होली पर करे रामचरित मानस की चोपाई के यह उपाय होगा सारी समस्याओं का अंत
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हमारे देश में 'होलिकादहन' का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। मनाए जाने के कई कारण सर्वविदित हैं। तंत्र-मंत्र सिद्धि के लिए होलिकादहन की रात्रि दीपावली, जन्माष्टमी, शिवरात्रि की तरह ही महत्वपूर्ण है।

सुख-समृद्धि तथा कष्ट निवारण के लिए होली का महत्व किसी पर्व से कम नहीं है। इस दिन का लाभ हम निम्नलिखित विशेष तरीकों से उठा सकते हैं।

(1) होलिकादहन तथा उसके दर्शन से शनि-राहु-केतु के दोषों से शांति मिलती है।

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