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वास्तु अनुसार रखें अपना पर्स

घर का वास्तु, ऑफिस का वास्तु,
आपकी कार का वास्तु, हर चीज में
जब आप वास्तु का ध्यान रखते आएं हैं
तो पर्स में वास्तु का ख्याल क्यों
नहीं रखा जा सकता? जिस तरह
हमारे आसपास का वातावरण हमें
प्रभावित करता है। उसी प्रकार
हमारा बैग या पर्स भी हमें प्रभावित
करता है।तो आइये जानते हैं कि कैसे
अपने बैग को वास्तु के अनुसार रखकर
उसमें धन की बरकत बड़ा सकते हैं।
सभी चाहते हैं कि उनका पर्स हमेशा
पैसों से भरा रहे और फिजूल खर्च न
हो। ज्यादा पैसा कमाने के लिए
कड़ी मेहनत के साथ अच्छी किस्मत
भी महत्व रखती है। कुछ

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स्नानगृह और शौचालय एक साथ होना ठीक नहीं

का सामना करना पड़ता है। पति-पत्नी एवं परिवार के
अन्य सदस्यों के बीच अक्सर मनमुटाव एवं वाद-विवाद
की स्थिति बनी रहती है।
वास्तु शास्त्र के प्रमुख ग्रंथ विश्वकर्मा प्रकाश में
बताया गया है कि ‘पूर्वम स्नान मंदिरम’ अर्थात भवन
के पूर्व दिशा में स्नानगृह होना चाहिए। शौचालय
की दिशा के विषय में विश्वकर्मा कहते हैं ‘या नैऋत्य
मध्ये पुरीष त्याग मंदिरम’ अर्थात दक्षिण और नैऋत्य
(दक्षिण-पश्चिम) दिशा के मध्य में पुरीष यानी मल
त्याग का स्थान होना चाहिए। बाथरूम और टॉयलेट
एक दिशा में होने पर वास्तु का यह नियम भंग होता है।

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गुप्त ग्रन्थ मे अनेको साधना रहस्य दिये गए है

लुप्तता को प्राप्त हो गए. खेर, इस ग्रन्थ मे कई
देवी देवताओ की साधना विधियां स्पष्ट की गई है
जिसमे मारण, वशीकरण, आकर्षण, मोहन और कार्य
सिद्धि से सबंधित प्रयोग निहित है. प्रस्तुत प्रयोग
ग्रन्थ का एक कीमती रत्न है. यह सर्वेश्वरी साधना है.
इस साधना का मंत्र स्वयं सिद्ध है इस लिए
सफलता की संभावना ज्यादा है. साथ हि साथ इस
मंत्र की एक और खासियत यह है की व्यक्ति इसमें
साधना क्रम का चुनाव खुद कर सकता है तथा अपने
मनोकुल परिणाम के लिए प्रयत्न कर सकता है. इस
प्रकार तंत्र के क्षेत्र मे यह एक अत्यधिक महत्वपूर्ण और
गोपनीय प्रयोग है.

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