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जन्माष्टमी 2018 पर्व का उचित समय व मुहूर्त
दिनांक:- 2 सितंबर
निशीथ पूजा:- 23:57 से 00:43 (श्रीकृष्ण जन्म)
पारण:- 20:05 (3 सितंबर) के बाद
रोहिणी समाप्त- 20:05 (3 सितम्बर)
अष्टमी तिथि आरंभ – 20:47 (2 सितंबर)
अष्टमी तिथि समाप्त – 19:19 (3 सितंबर)
हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले महत्वपूर्ण पर्वों में से एक श्रीकृष्ण जन्माष्टमी है जिसे भारत में ही नहीं बल्कि और भी कई देशों में भी बड़े हर्ष और उत्साह के साथ मनाया जाता है। कृष्ण जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण के जन्म दिवस के रूप में मनाई जाती है। यह पर्व हर साल भाद्रपद माह के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। माना जाता है भाद्रपद माह के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को अर्धरात्रि यानी ठीक 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था।
नारायण के इस अवतार का मुख्य उद्देश्य मुथरा के राजा कंस के बढ़ते अत्याचार को समाप्त करके उसका विनाश करना था साथ ही पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करना था। जिसके लिए उन्होंने कंस की बहन देवकी की कोख से जन्म लिया। बहुत से भक्त इस दिन व्रत-उपवास भी रखते है, जिसमें अर्धरात्रि तक यानी 12 बजे कृष्ण जन्म तक उपवास रखना होता है।