५ धनेश अष्टम भाव में हो।
६ लग्न का स्वामी धनस्थान में हो, लाभ-स्थान में हो और लाभेश लग्न में हो। (जातक पारिजात)
७ लग्नेश शुभग्रह हो और धन स्थान में स्थित हो या धनेश आठवें स्थान में हो।
८ यदि पंचम स्थान में शुक्र से दृष्ट चन्द्रमा हो।
९ यदि धन भाव का स्वामी शनि (धनु, मकर लग्न) 4, 8 या 12वें भाव में हो तथा बुध सप्तम भाव में स्वगृही होकर बैठा हो।