करने पर सभी प्रकार की बाधाओं का निवारण
होता है एवं कामना-पुर्ति होती है।
२॰ किसी शनिवार को, यदि उस दिन 'सर्वार्थ-
सिद्धि योग' हो, तो और भी उत्तम, सांय-काल
अपनी लम्बाई के बराबर लाल रेशमी सूत नाप ले। फिर
एक पत्ता बरगद का तोड़े। उसे स्वच्छ जल से धो-कर
पोंछ ले। तब पत्ते को बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें।
इस प्रयोग से सभी प्रकार की बाधाएँ दूर होती है
और कामनाओं की पुर्ति होती है।
३॰ रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र में, एक काला कौआ
या काला कुत्ता पकड़े। उसके दाएँ पैर का नाखून
काटें। इस नाखून को ताबीज में भर कर, धूप-दीपादि