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यह तो आप सब जानते हो की नवरात्र साल में २ बार आते है ! एक तो चैत्र शुक्ल के और दुसरे आश्विन शुक्ल के शारदीय नवरात्र ! नवरात्र का पर्व पुरे नो दिन मनाया जाता है इन दिनों श्री दुर्गा माँ के नो रूपों की पूजा होती है ! इसी नवदुर्गा और नो दिन की पूजा के कारन इससे नवरात्र कहा जाता है यदि जो कोई भी व्यक्ति नो दिनों तक सच्चे मन से श्री दुर्गा माँ उपासना करता है उसके सारे विघ्न का नाश होता है और सारे कष्ट दूर हो जाते है नवरात्र के उपवास वैसे तो सबके लिए फलदायक है पर यह विशेष रूप से कन्याओ के लिए और विशेष फलदायक है !! नवरात्र व्रत (Navratri Puja Vidhi) की शुरूआत प्रतिपदा तिथि को कलश स्थापना से की जाती है। नवरात्र के नौ दिन प्रात:, मध्याह्न और संध्या के समय भगवती दुर्गा की पूजा करनी चाहिए। श्रद्धानुसार अष्टमी या नवमी के दिन हवन और कुमारी पूजा कर भगवती को प्रसन्न करना चाहिए !! नवरात्र में "श्री दुर्गा सप्तशती" का पाठ करने का प्रयास करना चाहिए !
नवरात्र कलश स्थापना पूजा सामग्री [ Navratri Kalash Sthapana Puja Samagri ] :
माँ दुर्गा जी की फोटो, शुद्ध जल से भरा हुआ सोना, चांदी, तांबा, पीतल या मिट्टी का कलश, अशोक या आम के 5 पत्ते, एक पानी वाला नारियल, रोली, मोली, साबुत चावल, साबुत सुपारी, कपूर, लोंग, इलायची, लाल कपड़ा, चुनरी, शुद्ध साफ की हुई मिट्टी, मिट्टी का पात्र और जौ , पुप्ष की माला, सिक्का !
नवरात्र कलश स्थापना मुहूर्त [ Kalash Sthapana Muhurat ] :
बसंत नवरात्र चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि, वार मंगलवार दिनांक 28 मार्च 2017 को आरम्भ हो रहे है इस दिन घट स्थापना के लिए प्रातः काल 08:27 से 10:24 तक घट स्थापना कर सकते है इसके अलावा आप अभिजित मुहूर्त दोपहर 12:08 से 12:56 तक भी घट स्थापना कर सकते हो ! चोघडिया के हिसाब से आप घट स्थापना सुबह 09:29 से दोपहर 02:04 बजे तक चर, लाभ व् अमृत चोघडिया में घट स्थापना कर सकते हो !
नवरात्र २०१७ की तिथियां [ Navratri 2017 Vrat Dates ] :
28 मार्च 2017 : नवरात्र की प्रथम तिथि को देवी के शैलपुत्री रूप का पूजन किया जाता है !
29 मार्च 2017 : नवरात्र की द्वितीया तिथि को देवी ब्रह्मचारिणी रूप की पूजा की जाती है !
30 मार्च 2017 : नवरात्र की तृतीया तिथि को देवी दुर्गा के चन्द्रघंटा रूप की आराधना की जाती है !
31 मार्च 2017 : नवरात्र की चतुर्थी तिथि को मां भगवती के देवी कूष्मांडा रूप की उपासना की जाती है !
01 अप्रैल 2017 : नवरात्र की पंचमी तिथि को भगवान कार्तिकेय की माता स्कंदमाता रूप की पूजा की जाती है !
02 अप्रैल 2017 : नवरात्र की शुक्ल षष्ठी को मां कात्यायनी की पूजा की जाती है !
03 अप्रैल 2017 : नवरात्र की सप्तमी तिथि को मां कालरात्रि रूप की पूजा की जाती है !
04 अप्रैल 2017 : नवरात्र की अष्टमी तिथि को मां महागौरी रूप की पूजा की जाती है। इस दिन बहुत से लोग कन्या पूजन भी कर देते है !
05 अप्रैल 2017 : नवमी तिथि को देवी सिद्धदात्री रूप की पूजा की जाती है ! सिद्धिदात्री की पूजा से नवरात्र में नवदुर्गा पूजा का अनुष्ठान और पूजा पूर्ण हो जाती है !