देवाधिदेव महादेव को जगतपति भी कहा जाता है, क्योंकि उनका विवाह इस संसार की शक्ति, मां पार्वती से हुआ था. मान्यता है, शिव और शक्ति के संयोजन से ही यह प्रकृति चलती है. वे दोनो एक दूसरे के अर्धांग हैं और एक दूसरे के बिना अपूर्ण भी हैं. जहां एक तरफ शिव अनादि के सृजनकर्ता हैं वहीं शक्ति प्रकृति का मूल स्वरूप. माता पार्वती हिमावन राज की पुत्री हैं जिसके अनुसार उन्हे शैलपुत्री भी कहा जाता है, वहीं सनातन धर्म के अनुयायी ये भी मानते हैं कि देवी गंगा का अवतरण भी हिमालय से हुआ, जिस अनुसार वे पार्वती जी की बहन लगती हैं.