निर्भया आज तुम निर्भय हो गयी , क्योंकि जिन्होंने तुम्हारे आत्म सम्मान और जीवन को छीना था, प्रकृति ने भी उनसे उनके सम्मान और जीने का हक अततः छीन ही लिया ।
कल रात में भी माहौल बहुत गर्म था,रात को लगभग 1.35 का समय था, आरोपियों का वकील रात मे सुप्रीम कोर्ट खुलवाकर फांसी रोकने के लिए अपना पक्ष रखने का प्रयास कर रहा था, कि अचानक मेरी निगाह बरेली में रेल विभाग में कार्यरत श्री पी. सी. शुक्ला जी पर पडी जो कि उस समय आन लाइन थे, शुक्ला जी से इससे पहले भी कई पेशेंट की कुंडली पर चर्चा करके उनके फलित ज्योतिष के अनुभव को देख चुका हूं, ज्योतिष का खुद भी फलित करने के साथ कर्म काण्ड भी करता हूं, अतः इनसे मेरी आत्मीयता भी है, न्याय का मंदिर खुला था और धर्मराज न्याय कर रहे थे , कम ही अवसरों पर ऐसा होता है कि न्याय की पूर्ण आशा से न्याय पाने वाला आश्वस्त हो कि न्याय मिल पाएगा । कई बार इनकी सजा आगे के लिए टाली गयी , कल इनको इनके अंजाम तक पहुँचा दिया जाएगा या फिर आगे की डेट मिलेगी , श्री पी.सी. शुक्ला जी से पूछा कि इतनी रात मे भी आप जाग रहे हैं, गुरुदेव भी न्यूज चैनल पर निर्भया की न्यूज देख रहे थे, मैने पूछा कि आपकी गणना क्या कह रही है, इसके लिए उन्होने प्रश्न कुण्डली तैयार की और मुझे भी पोस्ट करके चर्चा शुरू कर दी,उन्होने बताया कि निर्भया के आरोपियों के वकील को अपना पक्ष रखने का अवसर मिल सकता है,लेकिन इनकी सजा नहीं टलेगी,
, मुझे भरोसा कम हुआ , क्यो कि न्याय ब्यवस्था ही ऐसी है । एक बार फिर सजा टल जाती डेट मिल जाती , मैने तर्क भी दिया कि आज की न्याय व्यवस्था में कुछ भी संभव है, किन्तु गुरुदेब अपनी बात पर अडिग रहे। परिणाम अब आप सभी के समक्ष मैजूद है। मेरे अलावा अन्य ज्योतिष मंच पर भी अपने फलित को उन्होने डाला, जहां विद्वानों ने काफी प्रशंसा की है, फोन पर काफी संदेश भी आ रहे है, जो इस बात का प्रमाण है कि ज्योतिष से किसी भी घटना को जाना जा सकता, केवल अनुभव चाहिये ॥ ज्योतिषी होना अपने आपमें एक जिम्मेदारी है , आपकी हर बात लोग गम्भीरता से लेते है आपका कोई एक गलत फलित जातक के जीवन की दशा और दिशा दोनो बदल सकता है । बिना थके पूरे मनोयोग से किसी मरीज के प्रति आपका योगदान बहुतों ने देखा है वह भी बिना 1 भी रुपया लिए। आपको सादर नमन् है....
नागेंद्र तिवारी ज्योतिष एवं कर्मकाण्ड कर्ता प्रयागराज
9936193042