मकर संक्रांति के बारें में आप नहीं जानते होगे ये दिलचस्प तथ्य

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मकर
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मकर संक्रांति एक ऐसा त्योहार है। जिसमें आकाश में सिर्फ पतंगे ही पतंगे दिखाई देती है। जिसमें लोग ग्रुप में होकर एक-दूसरे से पतंग का मांजा कटा रहे होते है।  यह पंतगबाजी कहीं कहीं पर ओलम्पिक स्तर पर भी होती है। इस दिन बच्चें ही नही बड़े-बुजुर्ग भी बढ़-चढ कर हिस्सा लेते है। ये भी पढ़े- हर काम में आ रही है अड़चन, तो मंगलावर को करें ये उपाय माघ मास प्रारम्भ: 10 फरवरी तक करें ये काम, मिलेगा अक्षय पुण्य मकर संक्रांति को इनमें से करें कोई 1 ये उपाय, भर जाएंगी आपकी तिजोरी मकर संक्रांति एक ऐसा त्योहार है जो पूर्णरुप से भगवान सूर्य को पूजा-अर्चना की जाती है। यह त्योहार इस बार 14 जनवरी को पड़ रहा हैं। लेकिन क्या आपकरे इस त्योहार के बारें में ये तथ्य जानते है। जिसे जानकर आप चौक जाएगे। जानिए इस तथ्यों के बारें में। इसे मकर संक्रांति ही क्यों कहा जाता है? मकर संक्राति में मकर का मतलब है कि मकर राशि जो बारह राशि में एक है। और संक्राति का मतलब है कि सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में जाना। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। जिसके कारण इसका नाम मकर संक्रांति पड़ा। आखिर क्यों मनाई जाती है मकर संक्रांति सूर्य अपनी स्वाभाविक गति से प्रत्येक साल 12 राशियों मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ, मीन में 360 अंश की परिक्रमा करते हैं। एक राशि में तीस अंश का भोग करते हुए सूर्य दूसरी राशि में जाते हैं। धनु राशि को छोड़ जब सूर्य मकर राशि में आते हैं तो इसी कारण मकर संक्रांति मनाई जाती है। ऐसा त्योहार जो हर साल एक ही दिन मनाया जाता है मकर संक्रंति एक ऐसा त्योहार है जो हर साल 14 जनवरी को ही मनाया जाता है। इसे सोलर कैलेंडर के हिसाब से बताया गया है। और दूसरे त्योहार चंद्रमा की स्थिति पर निर्भर करते है। यह परिक्रमा हर 8 साल बाद बदलती है और एक दिन यह त्योहार आगे बढ़ जाता है। इस बार यह त्योहार 14 जनवरी को है। साल 2018 में यह त्योहार 16 जनवरी को मनाया जाएगा। जो अपने आप पर एक चौकाने वाली खबर है। अगली स्लाइड में पढ़े और दिलचस्प तथ्यों के बारें में {img-67467} मकर संक्रांति का दिन और रात एक समान मकर संक्रांति साल का एक ऐसा दिन होता है। जिस दिन और रात एक समान होने लगते है कहा जाता है, कि इस दिन से सूर्य अपनी परिक्रमा पूरी कर उत्तरायण यानि उत्तर से दक्षिण में प्रवेश करता है। साथ ही इस दिन से सर्दी कम होने लगती है इस दिन से वसंत ऋतु की शुरुआत हो जाती है। पर्व एक पर नाम अनेक मकर संक्रांति एक ऐसा त्योहार है। जो सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दक्षिण एशिया में भी मनाया जाता है। भारत सभ्यता और संस्कृति का देश है। हमारे देश में इसे अनेको नाम से पुकारा जाता है। इसे तमिलनाडु में पोंगल, गुजरात में उत्तरायन, पंजाब में मगी, असम में भोगली और उत्तर प्रदेश में खिचड़ी के नाम से जाना जाता हैं। पतंग उड़ाने की परंपरा क्यों है खास मकर संक्राति पर पतंग उड़ाने की भी परंपरा है। इस पंरपरा का सबका अपना-अपना दृष्टिकोण है। इसमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी है। इसके अनुसार खुले आसमान में पतंग उड़ाने से हमें सूर्य से विटामिन-डी मिलता है। जिसकी हमारे शरीर को काफी जरुरत होती है, साथ ही धूप में पतंग उड़ाने से सर्दी की हवाओं से भी बचा जा सकता है और शरीर को रोगों से बचाया जा सकता है। विटामिन-डी हमारी त्वचा और रीड की हड्डी के लिए बहुत जरुरी है। अगली स्लाइड में पढ़े और दिलचस्प तथ्यों के बारें में {img-54301} इस दिन तिल के लड्डू खाने के पीछे क्या है वजह मकर संक्राति पर तिल के लड्डू खाने की परंपरा है। तिल और गुड के बने लड़्डू का सेवन इस दिन किया जाता है। इसके पीछे भी वैज्ञानिक दृष्टिकोण है। इसके अनुसार तिल और गुड हमारी सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद है। इससे हमारे शरीर को उर्जा और गर्माहट मिलती है। इसका सेवन करने आपके शरीर में गर्माहट आएगी। जिससे आपक ठंड से बच सकते है। इस दिन गंगा स्नान करने से मिलता है पुण्य मकर संक्राति पर गंगा स्नान करने की भी परपंरा है माना जाता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पुण्य मिलता है और इंसान मानसिक और शारीरिक रुप से स्वस्थ्य रहता है। साथ ही पुराणों के अनुसार माना जाता है कि इस दिन स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है।