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4 मार्च 2019 को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा. माना जाता है कि सृष्टि के प्रारंभ में इसी दिन मध्यरात्रि को भगवान शंकर का ब्रह्मा से रुद्र के रूप में अवतरण हुआ था. कहते हैं कि महाशिवरात्रि में किसी भी प्रहर अगर भोले बाबा की आराधना की जाए तो भोले त्रिपुरारी दिल खोलकर अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं. महाशिवरात्रि भगवान शिव के पूजन का सबसे बड़ा पर्व है. फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है. त्योहार से पहले ही तैयारियां कर लेना बेहतर होता है.
महाशिवरात्रि से पहले ऐसे करें तैयारियां-
- नहाकर हल्के सफेद या हल्के गुलाबी रंग के कपड़े पहनें.
- भगवान सूर्यनारायण को तांबे के लोटे से जल दें और वहीं पर खड़े होकर 3 प्रदक्षिणा करें.
- अब अपने घर के मंदिर में साफ सफाई आरंभ कर दें और हो सके तो अपने घर के मंदिर को उत्तर पूर्व के कोने में ईशान कोण में स्थापित करें.
- मंदिर के सभी सामान को व्यवस्थित तरीके से रखें.
- मंदिर में प्रयोग होने वाले दीया, प्लेट, घण्टी, शंख आदि को पहले ही साफ करके रखें.
- महाशिवरात्रि की पूजा में प्रयोग होने वाली समस्त सामग्रियों को पहले से ही जुटा कर रखें.
- महाशिवरात्रि से एक दिन पूर्व इस तरीके से तैयारी करने से आपको अगले दिन की पूजा में किसी तरीके का व्यवधान नहीं होगा और पूजा पाठ के कार्य में मन लगा रहेगा.
भगवान शिव को अर्पित की जाने वाली सामग्री-
महाशिवरात्रि से एक दिन पहले आप भगवान शिव को अर्पण करने की समस्त सामग्रियों को खरीदें. जैसे रोली, मोली, साबुत चावल, धूप दीप, मिश्रि, कमलगट्टा, साबुत हल्दी, पांच प्रकार के फल, सफेद मिष्ठान, सफेद चंदन, नागकेसर, केसर, मिश्री, बेलपत्र, आक धतूरा, भांग, लाल और पीले गुलाब के फूल, आक के फूल, रंग बिरंगे अबीर गुलाल, गुलाब और चंदन का इत्र. इन सारी सामग्रियों को एक दिन पहले ही खरीद कर अपने पूजा के स्थान पर रखें.
पत्रिका में नवग्रहों की पीड़ा है तो निम्न प्रकार का अबीर भगवान भोलेनाथ को अर्पण करें.
- सूर्य, मंगल की पीड़ा के लिए लाल रंग का अबीर.
- चंद्रमा और शुक्र की पीड़ा के लिए गुलाबी या सफेद रंग का अबीर.
- बृहस्पति के लिए नारंगी और बुध के लिए हरे रंग का अबीर.
- शनि राहु केतु की शांति के लिए आसमानी या नीले रंग का अबीर भगवान शिव को अर्पण करने के लिए पहले से ही खरीद कर रखें.
महाशिवरात्रि पर पहले ही करें भोजन प्रसाद की व्यवस्था-
- भगवान शंकर पर चढ़ाया गया प्रसाद खाना निषिद्ध है. ऐसी मान्यता है कि जो इस प्रसाद को खाता है, वो नरक के दुखों का भोग करता है. इस कष्ट के निवारण के लिए शिव की मूर्ति के पास शालीग्राम की मूर्ति या भगवान विष्णु की प्रतिमा का रहना अनिवार्य है. यदि शिव की मूर्ति के पास शालीग्राम हो, तो प्रसाद खाने का कोई दोष नहीं है.
- व्रत के व्यंजनों में सामान्य नमक के स्थान पर सेंधा नमक का प्रयोग करें.
- लाल मिर्च की जगह काली मिर्च का ही प्रयोग करें.
- आप सिंघाड़े या कुट्टू के आटे के पकौड़े बना सकते हैं.
- साबूदाना का प्रयोग भी अच्छा होगा, क्योंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट की प्रमुखता होती है और इसमें कुछ मात्रा में कैल्शियम व विटामिन-सी भी होता है.
भगवान भोलेनाथ को कैसे करें प्रसन्न-
- भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए महाशिवरात्रि के दिन सुबह के समय जल्दी उठें और स्नान करें.
- एक चांदी या स्टील का लोटा लें, जल में कच्चा दूध मिश्री मिलाकर अपने दाएं हाथ से भगवान शिवलिंग पर नमः शिवाय मंत्र का जाप करते हुए अर्पण करें. वहीं पर एक आसन पर बैठकर शिवाष्टक का 3 बार पाठ करें.
- अपने मन की इच्छा भगवान भोलेनाथ को कहें. घर वापस आते समय रास्ते में जो जरूरतमंद लोग मिले उन्हें कुछ फल, वस्त्र आदि का दान करें.
- संध्या काल के समय एक शुद्ध रुद्राक्ष की माला सफेद पीले फूलों के साथ भगवान शिव को अर्पण करें. ऐसा करने से आपके स्वास्थ्य में वृद्धि होगी.