लेकर आ रही कई शुभ संयोग, इस मुहूर्त में करेंगें लक्ष्मी पूजा तो सालभर होगी धन्य-धान्य, एश्वर्य और व्यापार में वृद्धि

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धन्य—धान्य की देवी मां लक्ष्मी की आराधना का पर्व दीपावली इस बार प्रथम पूज्य के वार व स्वाति नक्षत्र में 7 नवम्बर को मनाया जाएगा। ज्योतिष के जानकारों की माने तो यह दीपावली कई शुभ संयोग लेकर आ रही है। इस बार कई सालों बाद दीपावली पर मालव योग, त्रिग्रही योग, आयुष्मान योग, सौभाग्य योग, कुमार योग, लक्ष्मी योग सहित कई शुभ संयोग बन रहे है, जो धन्य—धान्य, एश्वर्य एवं व्यापार में अपार वृद्धि करेंगे। इस वर्ष दीपावली बुधवार युक्त स्वाति नक्षत्र योग में मनेगी, जो लोगों के सुख समृद्धि कारक रहेगी। इस दिवाली दिन से रात तक खरीददारी से लेकर लक्ष्मी, गणेश कुबेर की पूजा के लिए शुभ समय खूब मिलेगा।

 

साल बाद बना त्रिग्रही योग
इस बार धन, सौन्दर्य एवं एश्वर्य के स्वामी शुक्र के स्वयं की राशि तुला में होने मालव योग बन रहा है। दूसरी एक और खास बात यह भी है कई सालों के बाद दीपावली पर लक्ष्मी की विशेष पूजा के लिए त्रिग्रही योग भी बन रहा है। इसमें सूर्य, चंद्रमा व शुक्र ग्रह तुला राशि में होंगे। यह शुभ संयोग धन, एश्वर्य, व्यापार अपार वृद्धि करेगा।

लक्ष्मी पूजा के लिए प्रदोषकाल
दीपावली पर अधिकांश लोग शाम के वक्त प्रदोषकाल में महालक्ष्मी जी की पूजा करते हैं। इस बार शाम 5:36 से रात 8:14 बजे तक प्रदोषकाल रहेगा। इस दौरान लोग धन, सुख-समृद्धि की कामना से लक्ष्मी, गणेश, कुबेर का पूजन कर सकेंगे। लक्ष्मी पूजन के लिए खूब मिलेगा समय ज्योतिषाचार्य पं. सुरेश शास्त्री के अनुसार स्थिर लग्न में यदि लक्ष्मी पूजन करना सबसे श्रेष्ठ माना जाता है।

शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि स्थिर लग्न में लक्ष्मी की पूजा की जाए तो लक्ष्मी वर्षभर स्थिर रहती है और व्यापार भी स्थिर रहता है। इस दिन लक्ष्मी पूजा के लिए स्थिर लग्न के मुहूर्त मिल रहे है। इस बार दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन का सबसे उत्तम मुहूर्त शाम 6:20 से 6:33 बजे तक रहेगा। इसमें प्रदोष काल, वृष लग्न, कुंभ का स्थिर नवांश भी रहेगा। इसके अलावा प्रदोष काल से मध्यरात्रि तक तीन श्रेष्ठ मुहूर्त भी रहेंगे। प्रदोषकाल में 5:36 से 8:14 बजे तक, वृष लग्न में 6:08 से 8:05 बजे सिंह लग्न में मध्यरात्रि 12:38 से 2:54 बजे तक।

चौघडिय़ा के अनुसार मुहूर्त: शुभ, अमृत एवं चर के सभी शाम 7:15 से मध्यरात्रि 12:10 बजे तक रहेगा।

दिन के चौघडिय़ा:
लाभ व अमृत का चौघडिय़ा: सुबह 6:45 से 8:05 बजे तक
शुभ का चौघडिय़ा: सुबह 8:05 से 9:27 बजे तक
चंचल का चौघडिय़ा: सुबह 10:48 से 12 बजे तक
चर का चौघडिय़ा: दोपहर 2:53 से 4:15 बजे तक
लाभ का चौघडिय़ा:4:14 से 5:36 बजे तक

इसके अलावा स्थिर लग्न वृश्चिक में शाम 7:27 से 9:47 बजे तक एवं कुंभ लग्न में 1:34 से 3:04 बजे तक के मुहूर्त में लक्ष्मी पूजन करना भी शुभ रहेगा। रात्रिकाल चौघडिय़ा के अनुसार शुभ—अमृत शाम 7:15 से 12:10 बजे एवं मध्यरात्रि 3:27 से अंतरात 5:06 बजे तक मुहूर्त रहेगा।