कुबेर पूजा विधि

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हिन्दू धरम शास्त्रों के अनुसार धन प्राप्ति के लिए कुबेर पूजन करना चाहिए। कुबेर पूजा विधि पूर्वक और पूरी कुबेर पूजन सामग्री के साथ करने से कुबेर भगवान् आपको मालामाल कर सकते है।

कुबेर पूजन सामग्री

कुबेर जी को बिठाने के लिए चौकी
चौकी पर बिछाने के लिए लाल कपडा
जल कलश
पंचामृत
रोली , मोली , लाल चन्दन
हल्दी, धनिया, कमलगट्टा, दूर्वा
गंगाजल
सिन्दूर
लाल फूल और माला
इत्र
मिठाई
धानी
सुपारी
लौंग ,
इलायची
नारियल
फल
पंचमेवा
घी का दीपक
धूप , अगरबत्ती
कपूर

कुबेर पूजन सामग्री किसी भी किराने की दुकान या पूजन सामग्री की दुकान पर आसानी से मिल जाती हैं

कुबेर पूजा का सकंल्प

कुबेर पूजन शुरू करने से पहले सकंल्प लें। संकल्प करने से पहले हाथों में जल, फूल व चावल लें। सकंल्प में जिस दिन पूजन कर रहे हैं उस वर्ष, उस वार, तिथि उस जगह और अपने नाम को लेकर अपनी इच्छा बोलें। अब हाथों में लिए गए जल को जमीन पर छोड़ दें।

कुबेर पूजन विधि

अपने बाएँ हाथ की हथेली में जल लें एवं दाहिने हाथ की अनामिका उँगली व आसपास की उँगलियों से निम्न मंत्र बोलते हुए स्वयं के ऊपर एवं पूजन सामग्रियों पर जल छिड़कें-

ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्था गतोsपि वा l या स्मरेत पुण्डरीकाक्षं स बाह्रामायंतर: शुचि: ll

सर्वप्रथम चौकी पर लाल कपडा बिछा कर कुबेर जी की मूर्ति स्थापित करे (मूर्ति ना हो तो कुबेर यन्त्र या फिर तिजोरी की पूजा करे)

कंकु से स्वस्तिक का चिन्न बनाये

श्रद्धा भक्ति के साथ घी का दीपक लगाएं। दीपक रोली/कुंकु, अक्षत, पुष्प , से पूजन करें।

अगरबत्ती/धूपबत्ती जलाये

जल भरा हुआ कलश स्थापित करे और कलश का धूप ,दीप, रोली/कुंकु, अक्षत, पुष्प , से पूजन करें।

अब कुबेर का ध्यान और हाथ मैं अक्षत पुष्प लेकर निम्लिखित मंत्र बोलते हुए कुबेर का आवाहन करे

आवाहयामि देव त्वामिहायाहि कृपां कुरु।
कोशं वद्र्धय नित्यं त्वं परिरक्ष सुरेश्वर।।

अक्षत और पुष्प कुबेर जी की मूर्ति को समर्पित कर दे

अब कुबेर जी की मूर्ति को जल, कच्चे दूध और पंचामृत से स्नान कराये (मिटटी की मूर्ति हो तो सुपारी को स्नान कराये )

कुबेर जी की मूर्ति को नवीन वस्त्र और आभूषण अर्पित करे

रोली/कुंकु, अक्षत, सिंदूर, इत्र ,दूर्वां , पुष्प और माला अर्पित करे

हल्दी, धनिया, कमलगट्टा, दूर्वा अर्पित करे

धुप और दीप दिखाए

मिठाइयाँ, पंचमेवा , धानी , गुड़ एवं ऋतुफल जैसे- केला, चीकू आदि का नैवेद्य अर्पित करे

निम्नलिखित कुबेर मंत्र का १ माला जाप करे
ऊं श्रीं ऊं ह्रीं श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः।’
ऊँ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं में देहि दापय
ऊँ कुबेराय नमः।’

अंत मैं कुबेर जी की आरती करे

आरती के बाद पुष्पांजलि दे

धन प्राप्ति की प्रार्थना करते हुए पूजा में प्रयोग की गई हल्दी, धनिया, कमलगट्टा, दूर्वा आदि को एक कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखना चाहिए।

कुबेर पूजा के बाद अज्ञानतावश पूजा में कुछ कमी रह जाने या गलतियों के लिए भगवान् कुबेर के सामने हाथ जोड़कर निम्नलिखित मंत्र का जप करते हुए क्षमा याचना करे

मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं सुरेश्वरं l यत पूजितं मया देव, परिपूर्ण तदस्त्वैमेव l
आवाहनं न जानामि, न जानामि विसर्जनं l पूजा चैव न जानामि, क्षमस्व परमेश्वरं l