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आज कल वास्तुशास्त्र
हर व्यक्ति अपने घर को खूबसूरत रखना चाहता है।
करीने से सजा हुआ घर के व्यक्तित्व में चार चांद
लगा देता है, सुंदर घर सभ्य और सुशिक्षित होने का सबूत है।
आज के युवा ड्राइंग रूम और लिविंग रूम को सजाने में
काफी दिलचस्पी लेने लगे हैं। घर
को सजाना कोई फैशन नहीं है, बल्कि एक जरूरत है।
आज कल वास्तुशास्त्र का प्रचलन खूब है और तथाकथित
वास्तुशास्त्रियों की खूब चांदी है वह
लोगों को बेवकूफ बना कर खूब जोरों से चांदी कूट रहे है
यहाँ पर वास्तुदोष का निवारण के उपाय दिये जा रहें है इसे अपना कर
के, आप अपने घर के वास्तु दोषों को दूर कर के अपने यहाँ मंगलमय
वातावरण कर सकते हैंघर में वास्तुदोष होने पर, उचित
यही होता है कि उसे वास्तुशास्त्र के अनुसार
ठीक कर ले, यथासंभव घर के अंदर तोड़-फोड ना करे;
इससे वास्तुभंग का दोष होता है। यदि हम घर
की सजावट, रंग-रोगन आदि ज्योतिष एवं वास्तु के
नियमों के अनुसार करें तो घर
की सुंदरता तो बढ़ेगी ही, हमारे
घर-आंगन में खुशियां भर जाएंगी। जैसे- - पूजा घर में
फर्श के लिए हल्के पीले या सफेद रंग के संगमरमर
का उपयोग श्रेष्ठ माना है। - कक्ष
की दीवारों या पर्दों का रंग
भी सफेद, हल्का पीला,
हल्का क्रीम, हल्का आसमानी रखें। -
हल्का नारंगी, केसरिया या भगवा रंग
भी अच्छा लगता है। इन रंगों का इस्तेमाल करने से
पूजा घर का वातावरण शुभ व कल्याणप्रद होता है। -
माता लक्ष्मी को बिल्ब पत्र एवं कमल पुष्प अतिप्रिय
हैं। इस पुष्प से आप अपने पूजा घर को सजा सकते हैं।
यदि नीचे दिए जा रहे उपाय करें और वास्तुदोष का निवारण
स्वयं करें-- (यदि फिर भी इन उपायों से कुछ लाभ
ना हो तो अपने किसी विश्वासपात्र
वास्तुशास्त्री से परामर्श करें.)... 1 घर में अखंड रूप से
9 बार श्री रामचरितमानस का पाठ करने से वास्तुदोष
का निवारण होता है। 1 घर में 9 दिन तक अखंड कीर्तन
करने से वास्तुजनित दोषों का निवारण होता है। 2 हाटकेश्वर-क्षेत्र
में वास्तुपद नामक तीर्थ के दर्शन मात्र से
ही वास्तुजनित दोषों का निवारण होता है। 3मुख्य द्धार
के उपर सिंदूर से नो अंगुल लंबा नो अंगुल चोडा स्वास्तिक का चिन्ह
बनाये और जहाँ-२ भी वास्तु दोष है वहाँ इस चिन्ह
का निर्माण करें वास्तुदोष का निवारण हो जाता है। 4 रसोई घर गलत
स्थान पर हो तो अग्निकोण में एक बल्ब लगा दें और सुबह-शाम
अनिवार्य रूप से जलाये। ६ द्धार दोष और वेध दोष दूर करने के लिए
शंख, सीप, समुद्र झाग, कौड़ी लाल कपड़े में
या मोली में बांधकर दरवाजे पर लटकायें। 5
बीम के दोष को शांत करने के लिए बीम
को सीलिंग टायल्स से ढंक दें। बीम के
दोनों ओर बांस की बांसुरी लगायें। 6 घर के
दरवाजे पर घोड़े की नाल (लोहे की) लगायें।
यह अपने आप गिरी होनी चाहिए। 7 घर
के सभी प्रकार के वास्तु दोष दूर करने के लिए मुख्य
द्धार पर एक ओर केले का वृक्ष दूसरी ओर
तुलसी का पौधा गमले में लगायें। 8 दुकान
की शुभता बढ़ाने के लिए प्रवेश द्धार के दोनों ओर
गणपति की मूर्ति या स्टिकर लगायें। एक
गणपति की दृष्टि दुकान पर पड़ेगी, दूसरे
गणपति की बाहर की ओर। 9 यदि दुकान में
चोरी होती हो या अग्नि लगती हो तो भौम
यंत्र की स्थापना करें। यह यंत्र पूर्वोत्तर कोण या पूर्व
दिशा में, फर्श से नीचे दो फीट
गहरा गङ्ढा खोदकर स्थापित किया जाता है। 10 यदि पलाट
खरीदे हुये बहुत समय हो गया हो और मकान बनने
का योग ना आ रहा हो तो उस प्लाट में अनार का पौधा पुष्य नक्षत्र
में लगायें। 12 अगर आपका घर चारों ओर बड़े मकानों से
घिरा हो तो उनके बीच बांस का लम्बा फ्लेग लगायें या कोई
बहुत ऊंचा बढ़ने वाला पेड़ लगायें। 13 फैक्ट्री-कारखाने
के उद्घाटन के समय चांदी का सर्प पूर्व दिशा में
जमीन में स्थापित करें। 14 अपने घर के उतर के कोण में
तुलसी का पौधा लगाएं 15 हल्दी को जल में
घोलकर एक पान के पत्ते की सहायता से अपने
सम्पूर्ण घर में छिडकाव करें. इससे घर में
लक्ष्मी का वास
तथा शांति भी बनी रहती है।
16 अपने घर के मन्दिर में घी का एक दीपक
नियमित जलाएं तथा शंख की ध्वनि तीन बार
सुबह और शाम के समय करने से नकारात्मक ऊर्जा घर से बहार
निकलती है। 17 घर में सफाई हेतु
रखी झाडू को रास्ते के पास नहीं रखें.
यदि झाडू के बार-बार पैर का स्पर्थ होता है, तो यह धन-नाश
का कारण होता है. झाडू के ऊपर कोई वजनदार वास्तु
भी नहीं रखें। 18 अपने घर में
दीवारों पर सुन्दर, हरियाली से युक्त और
मन को प्रसन्न करने वाले चित्र लगाएं. इससे घर के मुखिया को होने
वाली मानसिक परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
19 वास्तुदोष के कारण यदि घर में किसी सदस्य को रात में
नींद नहीं आती या स्वभाव
चिडचिडा रहता हो, तो उसे दक्षिण दिशा की तरफ सिर
करके शयन कराएं. इससे उसके स्वभाव में बदलाव होगा और
अनिद्रा की स्थिति में भी सुधार होगा। 20
अपने घर के ईशान कोण को साफ़ सुथरा और खुला रखें. इससे घर में
शुभत्व की वृद्धि होती है। 21 अपने घर
के मन्दिर में देवी-देवताओं पर चढ़ा