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हिंदू धर्म के अनुसार अश्विन माह में पितृ पक्ष का समय चल रहा है। इसे श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है। इस वर्ष ये 5 सितंबर से 20 सितंबर तक रहेगा। इस दौरान हमारे पितृ यमलोक से घरती पर आते हैं और हमारे आस-पास विचरण करते हैं। इस दौरान हमें उनको खुश करने पर ध्यान देना होता है। इस दौरान ब्राह्मणों को भोजन करवाया जाता है। ये मान्यता है कि ब्राह्मण को भोजन करवाने का अर्थ पितरों को भोजन करवाने से होता है। हिंदू धर्म में ये भी मान्यता है कि यदि किसी व्यक्ति के पितृ रुष्ट हो जाए तो उसे कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। पितरों की अशांति के कई कारण हो सकते हैं। उनकी अशांति से व्यक्ति को धन की हानि और संतान हीनता जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए हर किसी को अपने पितरों का श्राद्ध करना चाहिए और कोई भी ऐसे कार्य नहीं करने चाहिए जिससे पितृ नाराज होकर जाए. आज हम ऐसे ही कुछ कार्य बताने जा रहे हैं जिन्हें इन 15 दिनों में नहीं करना चाहिए अन्यथा कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।