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ध्यान रहे कि ज्यादा सुबह पितरों को भोजन अर्पण ना करें, सुबह 8 बजे के बाद ही तर्पण की प्रक्रिया करें। शाम को खिलाया हुआ भोजन पितरों के पास नहीं जाता है वो राक्षसों को जाता है।
– श्राद्ध करते समय पवित्रता का खास ख्याल रखें।
– जो लोग श्राद्ध करते हैं, उन्हें पितृ पक्ष में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए।
– पितृ पक्ष के दौरान चना, मसूर, सरसों का साग, सत्तू, जीरा, खीरा, लौकी आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
– ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान नया घर नहीं लेना चाहिए। घर लेने में कोई समस्या नहीं होती है, लेकिन माना जाता है जहां पितरों की मृत्यु हुई है वो वहीं लौटते हैं।