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हिंदू धर्म में माघ मास का बहुत ही अधिक महत्व है। यह मास स्नान, व्रत, तप, कल्पवास के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। इस पूरा मास श्री कृष्ण की पूजा की जाएं तो आपकी हर मनोतकामना पूर्ण होने के साथ-साथ आपको अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। ये भी पढ़े- इस साल का पहला पुष्य नक्षत्र मकर संक्रांति से पहले, खरीददारी के लिए शुभ दिन 3 साल बाद मकर संक्रांति 14 को, एक दिन पहले करें ये उपाय तो हो जाएंगे करोड़पति रामचरितमानस: कभी न करें ऐसे व्यक्तियों से इस तरह की बातें, होगा आपका ही नुकसान माघ मास में रोजाना सुबह तारों की छांव में नित्य कार्यों से निवृत होकर पूजन से पूर्व तिल, जल, फूल, कुश अंजली में भरकर संकल्प करें- ऊं तत्सत् अद्य माघे मासि अमुकपक्षे अमुक-तिथिमारभ्य मकरस्त रविं यावत् अमुकगोत्र (स्वयं का गोत्र बोलें) अमुकशर्मा (स्वयं का उपनाम बोलें) वैकुण्ठनिवासपूर्वक श्रीविष्णुप्रीत्यर्थं प्रात: स्नानं करिष्ये। फिर प्रार्थना करें- दु:खदारिद्रयनाशाय श्रीविष्णोस्तोषणाय: च। प्रात:स्नानं करोम्यद्य माघे पापविनाशनम्। मकरस्थे रवौ माघे गोविन्दाच्युत माधव। स्नानेनानेन मे देव यथोक्तपलदो भव।। दिवाकर जगन्नाथ प्रभाकर नमोस्तु ते। परिपूर्णं कुरुष्वेदं माघस्नानं महाव्रतम्। माघमासमिमं पुण्यं स्नानम्यहं देव माधव।तीर्थस्यास्य जले नित्यं प्रसीद भगवन् हरे।। इसके साथ ही ये काम कर पाएं पुण्य रोजाना हरि नाम और कीर्तन करें। सत्संग, प्रवचन, माघ महात्म्य तथा पुराण कथाएं सुनें। सूर्योदय से पहले स्नान करें। स्नान के पानी में गंगा जल मिला लें। स्नान के बाद सूर्य को गायत्री मंत्र का उच्चारण करते हुए अर्ध्य दें। गर्म वस्तुओं का दान अपनी सामर्थ्य के अनुसार करें।