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मीन राशि का स्वामी ग्रह गुरु है। गुरु बुद्धि, विवेक तथा ज्ञान के कारक ग्रह हैं। इसलिए आप एक अच्छे सलाहकार अथवा अध्यापक भी हो सकते हैं। आप लेखन व संपादन कार्य में भी कुशल होते हैं, इसके अलावा आप धर्म प्रचारक के रूप में भी कार्य कर सकते हैं। आप फिल्म, मनोरंजन अथवा जासूसी के क्षेत्र में भी काम कर सकते हैं। आप चिकित्सक के रूप में भी अपना व्यवसाय चुन सकते हैं। करियर के नजरिए से नया साल करियर की दृष्टि से यह वर्ष शानदार रहेगा। आपके करियर के खाने में राजयोग बन रहा है। जन्म पत्रिका में करियर का आकलन 10 वे घर से किया जाता है। इस वर्ष प्रवेश के समय आपके करियर का मालिक बृहस्पति जन्मपत्रिका के सातवें खाने में बैठा है। वह स्थान 10 वें खाने से 10 वां है। जो कि अत्यंत शुभ स्थिति है। इस वर्ष 13 सितंबर के पहले पदोन्नति प्राप्त होने का योग है। इस राशि के जो बच्चे राजकीय सेवाओं के लिए कम्पीटेटिव इम्तिहानों में बैठ रहें है। उनके लिए गृह स्थितियां फेवरबेल है। एकादश स्थान का चंद्रमा कामनापूर्ति कराने में सक्षम है और 10 वें घर का सूर्य बेरोजगार को भी रोजगार देने में सक्षम है। जिन लोगों ने राजनीति के क्षेत्र में अपना करियर चुना है। उन्हें ये वर्ष सफलता दे सकता है। बशर्ते की प्रयास 9 सितंबर के पहले किया जाए। फाइनेंशियल कंडीशन के लिहाज कैसे रहेगा आपका नया साल फाइनेंस की दृष्टि से यह वर्ष अच्छा रहेगा। वर्ष प्रवेश के समय आय स्थान का चंद्रमा लगातार आमदनी कराता रहेगा। चंद्रमा का बल 71 प्रतिशत है यानि सूर्य को छोड़कर इस वर्ष कुंडली में सबसे बली ग्रह चंद्रमा ही है। आय के स्थान आदिपति का वर्ष पर्यन्त नवें और दसवें भाव के बीच गोचर भी उत्तम आमदनी के लिए अनुकूल स्थिति बनाता है। 8 अप्रैल से 25 अगस्त तक अपनी आमदनी को बनाए रखने के लिए आपको विशेष ध्यान रखना होगा। साल के बाकी महीनों में आमदनी लगातार बनी रहेगी। दूसरें स्थान का स्वामी मंगल बारहवें स्थान में चला गया है। मंगल की कोई दृष्टि भी दूसरे घर पर नहीं है। अस्तु हो सकता है कि इस वर्ष भारी बचत न हो पाएं, लेकिन व्यय की कोई दिक्कत नहीं होगी। प्रेम संबंधों के लिए कैसे रहेगा साल सप्तम स्थान पर शत्रु क्षेत्रीय बृहस्पति का गोचर अहंकार की लड़ाई करवा सकता है। वाक-युद्ध वातावरण को न केवल दुषित करेगा बल्कि सेहत को भी विपरीत रूप से प्रभावित करेगा। दूसरी और पंचम स्थान के स्वामी चंद्रमा की पूर्ण दृष्टि पंचम स्थान पर है। यह वर्ष आपको कन्या रत्न का उपहार दे सकता है। जो लोग अविवाहित है उन्हें विवाह पूर्व एक-दूसरे को समझ लेना अच्छा रहेगा। प्रेमी-जोड़ो के लिए यह वर्ष आनंद विहार करने का है। चंद्रमा की स्थिति विवाहितों के मन में हिलोरे पैदा कर सकती है। कदम डगमगा सकते है। खुद को संभाल कर रखना एक बड़ा अचीवमेंट होगा। जो लोग दाम्पत्य जीवन में पहले कभी एक-दूसरे का साथ छोड़ चुके है। वे अगर फिर से प्रयास करें तो बात बनने के आसार बड़े साफ है। अगली स्लाइड में पड़े हेल्थ और एजूकेशन के बारें में {img-40518} हेल्थ और फिटनेस के लिहाज से कैसे रहेगा साल स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। अरोग्य लाभ होगा। शारीरिक क्षमता में बढ़ोतरी होगी और साहसिक कार्यो में सफलता मिलेगी। कमर और जांघ में पीड़ा होगी। आपको इस समय कसरत के साथ-साथ आराम के महत्तव को भी ध्यान में रखना होगा। नेत्र पीड़ा और रोग भी हो सकते है। मन में विरक्ति का भाव आ सकता है और जीवन में अपनी निगेटिविटी सघन चिंता हो सकती है। मन में उदासी और यदा-कदा क्रोध भी महसूस करेंगे। इस वर्ष आपको प्रमुख बीमारियां होगी एसिडीटी, गैस और कन्फ्यूजन। एसिडीटी के कारण दांतों और कानों में भी तकलीफ होगी। कानों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। गैस की अधिकता के कारण चित्त में विचलन रहेगा और सुसाइडल टेंडेसीज यानि आत्महत्या की प्रवृत्ति विकासित होंगी। दिमागी तौर पर आप हमेशा भ्रम की स्थिति में रहेंगे। इन सब चीजों से बचने के लिए जौ का आटा और सफेद तिल दान करें और मुमकिन हो तो सेवन भी करें। मकर संक्रांति के दिन ब्राह्मण को दिए जाने वाले दान में घी की मात्रा बढ़ाने से उत्तम अरोग्य की प्राप्ति होगी। शिक्षा मनचाही शिक्षा मिलेगी। कला संकाय के विद्यार्थियों को साहित्य, राजनीति, भाशा, अर्थषास्त्र, इतिहास, सामाजिक विज्ञान, चित्रकला, संगीत, स्थापत्य, योजना बर्फ और पानी से जुड़ी हुई विद्याओं के जानकारों को इस वर्ष सफलता ही सफलता प्राप्त होगी और भी अधिक सफलता के लिए पूर्णिमा के दिन भगवान शंकर को दूध और चावल चढ़ाएं। सोमवार के दिन माता दुर्गा को चुनरी चढ़ाएं और किसी वृद्धि स्त्री को चांदी की कोई चीज गिफ्ट करके उनसे आशीर्वाद के रूप में थोड़े से चावल लेकर उन्हें सफेद सूती कपड़े में लपेटकर अपने पास रखें । खरगोश को चारा दे। यदि संभव न हो तो उत्तर-पश्चिम दिशा के बीच में खरगोश का चित्र लगाएं। किसी मलमल के कपड़े या सूती कपड़े के व्यवसायी को नमस्कार करें। किसी जैन मंदिर में जाकर किसी जैन संत को प्रणाम कर आशीर्वाद ग्रहण करें। इन उपायों से आपको मनचाही विद्या सुनिश्चित हो जाएगी।